अमन अरोड़ा द्वारा डच फर्म के एम. डी. के साथ मुलाकात; अवशेष और नवीकरणीय ऊर्जा में बुनियादी ढांचे की ज़रूरतों के स्थायी समाधान सम्बन्धी किया विचार-विमर्श
Aman Arora meets MD of Dutch firm
“नेकससनोवस“ के एम. डी. ने पंजाब में निवेश करने में दिखाई गहरी रूचि
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री द्वारा हर संभव सहायता का भरोसा
चंडीगढ़, 6 अप्रैलः Aman Arora meets MD of Dutch firm: नीदरलैंड आधारित फर्म नेकससनोवस के मैनेजिंग डायरैक्टर रुटजर डी बरूजिन(Managing Director Rutger de Barujin) आज पंजाब के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत(New and Renewable Energy Sources) मंत्री श्री अमन अरोड़ा के साथ मुलाकात करके राज्य में अवशेष, पानी और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों(Residue, water and renewable energy sectors) में बुनियादी ढांचे की ज़रूरतों के लिए उचित और स्थायी समाधान पर चर्चा की।
यहाँ पेडा कॉम्लैक्स में डच फर्म के एम. डी. का स्वागत करते हुये श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार अपनी भावी पीढ़ियों के लिए उज्जवल भविष्य सृजित करने के लिए वचनबद्ध है और राज्य सरकार पंजाब को नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन और प्रयोग में अग्रणी राज्य बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है।
नेकससनोवस को पंजाब में निवेश का न्योता देते हुये कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पंजाब मुख्य तौर पर खेती प्रधान राज्य है और हर साल 20 मिलियन टन से अधिक धान की पराली का उत्पादन होता है। राज्य में खेती अवशेष आधारित कम्परैस्सड बायोगैस (सी. बी. जी) प्रोजेक्टों की बड़ी संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि धान की पराली और अन्य खेती अवशेष आधारित कुल 33.23 टन सी. बी. जी. प्रति दिन सामर्थ्य वाला एशिया का सबसे बड़ा सी. बी. जी. प्रॉजेक्ट ज़िला संगरूर में चल रहा है और पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) की तरफ से 42 और सी. बी. जी. प्लांट अलॉट किये गए हैं। उन्होंने बताया कि कुल 52.25 टन प्रति दिन सामर्थ्य वाले चार और प्रोजैकट अगले 4-5 महीनों में चालू होने की संभावना है।
श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से एन. आर. एस. ई. नीति- 2012 के अंतर्गत कई तरह की रियायतें भी दी जा रही हैं। लैंड्ड स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेज़, बिजली ड्यूटी, सी. एल. यू. और ई. डी. सी. चार्जेज़ से छूट देने समेत इनवैस्ट पंजाब के ज़रिये सिंगल स्टॉप मंजूरियां देने की सुविधा प्रदान करके सरकार की तरफ से हर संभव सहायता देनी यकीनी बनाई जा रही है।
पंजाब में निवेश करने में गहरी रूचि दिखाते हुये श्री बरूजिन ने नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री को बताया कि उनकी फर्म द्वारा पहले ही केमपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक एकीकृत ठोस आधारित प्रबंधन केंद्र स्थापित किया गया है। मौजूदा समय प्लांट में लगभग 20-25 टन प्रति दिन अवशेष प्राप्त हो रहा है, जो अगले महीनों के दौरान लगभग 60 टन तक पहुँचने की उम्मीद है। इस अवशेष को ई-वाहनों के द्वारा उठाया जाता है और फिर मशीनों का प्रयोग करके इसको रीसाईकल करने योग्य और जैविक आधार पर अलग-अलग किया जाता है। बायोगैस बनाने के लिए जैविक पदार्थों का प्रयोग किया जा रहा है जबकि नष्ट न होने वाली सामग्री को रीसाईकल किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि इस विधि के साथ अवशेष के ढेर नहीं बन रहे और वह स्थायी और नवीनतम ऊर्जा प्रोजेक्टों के द्वारा कार्बन मुक्त विश्व बनाने के मिशन पर काम कर रहे हैं।
यह पढ़ें:
’अपना आदर्श, स्वयं बनो’, मुख्यमंत्री की तरफ से युवाओं से अपील